चलो आओ जाने टेक्नोलॉजी हिंदी में!

अगर आप ऑनलाइन टेक्निकल चीजों में इंट्रेस्ट रखते है तो टेक्नो अध्यापक आपके लिए अच्छी जगह है!

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मोबाइल जगत में हर रोज कुछ नया हो रहा है! उसकी जानकारी के लिए टेक्नो अध्यापक है ना!

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Saturday, 27 July 2019

कैसे आप ई-मेल को फोन से जुड़े अकाउंट का पता लगा सकते है?

जब भी हम कोई नया अकाउंट बनाते हैं तो वह हमारे ईमेल पते अथवा मोबाइल नंबर के साथ रजिस्टर होता है! जीमेल, फेसबुक या ट्विटर जैसे अकाउंट्स तो हम फ्रेक्वेंटली इस्तेमाल करते हैं! लेकिन कई अकाउंट क्रिएट करने के बाद हम भूल जाते हैं! जिन वजहो से हमे भविष्य में कई पेरशानियों का सामना करना पढ सकता है! क्योकि आपका डाटा ऑनलाइन सुरक्षित नहीं है! आपका सारा डाटा थर्ड पार्टी सर्विसेज के पास चला जाता है और वह इसका गलत फायदा उठाते है! इसलिए इनका समय समय पर रिव्यू करना जरूरी है!


निचे दिए गए निम्नांकित तरीको की जांच करे-

1. जीमेल रिव्यू करें- नीचे दिए गए लिंक से गूगल माय अकाउंट सेक्शन पर जाकर लॉगइन करें https://myaccount.google.com/ अब आप सिक्योरिटी टेब  में जाकर थर्ड पार्टी ऐप अकाउंट में जाए और मैनेज थर्ड पार्टी एक्सेस को देखे! यहां आपको तमाम अकाउंट्स दिखेंगे जिन्हें आपने परमिशन दी है! आप आवश्यकता अनुसार इन्हें डिलीट कर सकते हैं!

2. सोशल साइट्स जाचे- फेसबुक और ट्विटर पर भी आप कई थर्ड पार्टी सर्विसेस को एक्सेस दे देते हैं! आप इन साइट पर नीचे दिए तरीके से जाए और इन्हे रिव्यु करे- फेसबुक में सेटिंग में जाकर ऐपस एंड वेबसाइट पर, और ट्विटर में सेटिंग में जाकर अकाउंट में ऐपस एंड सेशन में.

Facebook- Settings>Accounts?Apps and Websites
Twitter-Settings>Account>Apps and Sessions

3. वेरिफिकेशन मेल सर्च करे- एक तरीका है कि आप अपनी ईमेल के इनबॉक्स में वेरीफाई शब्द टाइप करें और आने वाले नतीजों में यह जांच लें कि आपने किस किस सर्विसेज को पहले कभी वेरीफाई किया था! उसी के अनुसार आप अपनी आवश्यकता से थर्ड पार्टी परमिशन हटा सकते हैं!

4. डीसीट का प्रयोग करें- जीमेल और आउटलुक के लिए डीसीट का प्रयोग कर सकते हैं वेबसाइट लिंक डीसीट me पर जाए और इसे एक्सेस परमिशन दे! इसके बाद आने वाले विकल्प को चुनें!

तो में आशा करती हु की आप को टेक्नो अध्यापक के इस नए ब्लॉग के माध्यम से थर्ड पार्टी सर्विसेज से कैसे बचा जाऐ और क्या जरुरी चीजे है जो आपको समय समय पर ध्यान रखना है! इसकी जानकारी भलीभातीे मिली होगी! ऐसे ही कुछ टेक्नोलॉजी के जानकारी के लिए हमारा ब्लॉग पड़ते रहे!

Tuesday, 23 July 2019

क्या आप ई-कॉमर्स में बिज़नेस शुरू करने का सोच रहे है?

ई-कॉमर्स बिज़नेस की ग्रोथ को लेकर असमंजस में रहने वाले यंग एंटरप्रेन्योर को इस विषय में चिंता करने की अधिक जरूरत नहीं है क्योंकि इंडियन ई-कॉमर्स इंडस्ट्री की पॉजिटिव ग्रोथ जारी है! यदि आप एक सही बिजनेस स्ट्रेटजी और ट्रेंडिंग सर्विस या प्रोडक्ट के साथ इकॉमर्स इंडस्ट्री में उतरते हैं, तो यही सबसे अच्छा मौका है! नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर व सर्विस कंपनी के आईटी बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट के रिव्यु में सामने आया है कि इंडिया में इंडस्ट्री की ग्रोथ वर्ष 2018 से 19 तक 17% रही है वर्ष 2017 से 18 में करीब 220000 करोड़ की इंडस्ट्री 260000 करोड़ से अधिक का बिजनेस करेगी! इंडस्ट्रीज चाहे b2b हो या b2c दोनों ही एक यंग एंटरप्रेन्योर के लिए अच्छे अवसर दे रही है!



80 फ़ीसदी बिना किसी तैयारी के अचानक से बाजार में आने के कारण फेल हो जाते हैं! गौरतलब है कि इंडिया में वर्तमान में स्टार्टअप की संख्या करीब 50 हजार है!

ऐसा हो परफेक्ट बिजनेस मॉडल- ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में फ्यूचर तलाश रहे एंटरप्रेन्योर को इसके मॉडल को समझने की आवश्यकता है! यहां बिजनेस मॉडल दो प्रकार का है! एक है सिंगल वेंडर सिस्टम और दूसरा है मल्टीवेंडर वेंडर कॉमर्स स्टोर! सिंगल वेंडर सिस्टम में स्वयं का या किसी और एक वेंडर का प्रोडक्ट अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये बेच सकते हैं! मल्टी वेंडर सिस्टम में वेंडर की कोई लिमिट नहीं होती है! ग्लोबली ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में सबसे सक्सेसफुल बिजनेस मॉडल मल्टीवेंडर ई-कॉमर्स इंडस्ट्री को ही माना जाता है! यह बिजनेस मॉडल आपको कस्टमर सिक्योरिटी देता है! जैसे आपका एक वेंडर प्रोडक्ट उपलब्ध कराने में विफल रहता है तो आप अन्य वेंडर की मदद से अपना बिजनेस रन कर सकते हैं लेकिन सिंगल वेंडर सिस्टम यह ऑप्शन नहीं देता है!

नाम, लोगो और कंपनी फॉरमेशन- वर्ल्ड की टॉप कंपनियों में शुमार अलीबाबा के फाउंडर जैक की मां का कहना है कि उन्होंने कंपनी का नाम अलीबाबा इसलिए रखा था क्योंकि वह अलीबाबा को ग्लोबल कंपनी के रूप में देख रहे थे! इसलिए बिजनेस का नाम क्या है इसे महत्व को समझा जाना चाहिए! नाम स्मॉल वह आसानी से याद रहने के साथ ही यूनिक भी होना चाहिए! एक और बात जो इन दिनों नाम को लेकर सबसे अधिक ध्यान में रखी जानी चाहिए वह यह है की आपकी कंपनी का नाम का दूसरी लैंग्वेज में कुछ अन्य अर्थ ना हो! इसके अलावा कंपनी का लोगो भी आवश्यक है! इंडिया में आप सोल प्रोपराइटरशिप, वन पर्सन कंपनी,एलएलपी व प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तौर पर अपनी कंपनी से बना सकते हैं!

कैसे बनाएं ई कॉमर्स वेबसाइट- बिजनेस एक्सपर्ट के अनुसार वेबसाइट आपको 24 घंटे प्रमोद करनी है ऐसा कोई एम्पलाई नहीं कर सकता है! इसलिए वेबसाइट जो कि आपके बिजनेस का फेस है उसके डिजाइनिंग को लेकर अधिक ध्यान दें! आपके पास इसके लिए दो ऑप्शन मौजूद है! जिसमें एक है प्री-बिल्ड प्लेटफार्म जबकि दूसरा है तुम कस्टमेड वेबसाइट बिल्डिंग प्लेटफॉर्म में लगातार मौजूद टैबलेट्स की संख्या बढ़ रही है!

कस्टमर को कैसे करें अट्रैक्ट- इंडिया में वर्तमान में स्टार्टअप की संख्या करीब है लेकिन इसके फैलियर का प्रतिशत करीब 80 फीसदी है! जिसका प्रमुख कारण बिजनेस की ओर कस्टमर का अट्रैक्शन नहीं होना! इसलिए जरूरी है की नए बिज़नेस की सक्सेस के लिए आपके पास मार्केटिंग प्लान तैयार हो! ई-कॉमर्स बिजनेस में ऑनलाइन मार्केटिंग पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है! जिनमें SEO मार्केटिंग, सोशल मीडिया का उपयोग, प्रमोशन आदि को लेकर आप की तैयारी पूरी होनी चाहिए!

ऐसे करें रजिस्टर्ड- इंडिया में बिजनेस की कानूनी मान्यता के लिए स्टेशन होना आवश्यक है! सबसे पहले आपको डायरेक्टर आइडेंटिफिकेशन नंबर की आवश्यकता है! डीआईएन एप्लीकेशन फॉर्म के जरिए आप इस नंबर के लिए अप्लाई कर सकते हैं! पैन नंबर के अलावा डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट की भी आवश्यकता है! डीआईएन नंबर रजिस्टार के बाद आप कंपनी में चुने हुए नाम की उपलब्धता के लिए आवेदन कर सकते हैं! नाम कंफर्मेशन के बाद 6 माह के भीतर आप कंपनी बना सकते हैं! यदि आप नाम बदलना चाहते हैं तो एक निश्चित शुल्क जमा कर आप ऐसा कर सकते हैं! वहीं जीएसटी सर्टिफिकेशन शॉप एस्टेब्लिशमेंट लाइसेंस की कानूनी रूप से बहुत आवश्यक है!

अगर आप इ-कॉमर्स बिज़नेस में हाथ आजमाना चाहते है तो यह ब्लॉग आपके काफी काम आएगा! ऐसे ही कुछ बिज़नेस टिप्स के लिए टेक्नो अध्यापक को बुकमार्क केरे! जिसके माध्यम से हम आपको नए नए आइडियाज बताते रहेंगे!

Sunday, 21 July 2019

गूगल माय बिजनेस पर करें बिजनेस लिस्ट!

लोकल बिजनेस के लिए इसकी मार्केटिंग को समझना और उसका उपयोग सबसे बड़ा चैलेंज है! अधिकतर लोकल बिजनेस ट्रेडीशनल तरीके से काम करते हैं लेकिन ई-कॉमर्स के बढ़ते चलन के कारण उन्हें हाई लेवल के कॉम्पिटिशन का सामना करना पड़ रहा है! इसी कारण उन्हें ऐसे हाईटेक मार्केटिंग टूल की आवश्यकता है जो यूज करने में आसान हो और जिसके लिए अधिक बजट की आवश्यकता ना हो! लोकल बिजनेस की समस्या का समाधान है "गूगल माय बिजनेस" टूल कुछ वर्ष पूर्व गूगल ने इस फीचर को लांच किया था लेकिन इंडिया में यह भी ज्यादा चलन में नहीं आया है! 



आइये विस्तार में जाने गूगल माय बिज़नेस के बारे में-

  • क्या है गूगल माय बिजनेस- इस टूल के माध्यम से किसी भी लेवल का लोकल बिजनेस खुद को ऑनलाइन लिस्ट और टारगेट कस्टमर के अनुसार सर्च कर सकता है! इसके जरिए कस्टमर को आपका एड्रेस,कांटेक्ट, डिटेल्स व अन्य जानकारिया भी मिल जाएगी! इसके ऐडिशनल फीचर से आप अपनी वेबसाइट को भी यहाँ लिंक करा सकते है! इसके अलावा बिज़नेस से जुडी इमेजस और वीडियोस को फ्री मई आप्लोअद करने की सुविधा दे रहा है!
  • कैसे करें बिजनेस को लिस्ट- लॉगइन करने के बाद क्रिएट ए न्यू लिस्ट का ऑप्शन होगा! जहां आपको अपने बिजनेस से जुड़ी सभी डिटेलस देनी होगी! इसके बाद गूगल के जरिये आपका बिज़नेस अकाउंट वेरीफाई किया जाएगा! जिसमें एक से दो हफ्ते का समय लग सकता है अकाउंट वेरीफिकेशन एक कोड के जरिए होता है जिसे गूगल आपको आपके रजिस्टर्ड ऐड्रेस पर भेजता है! जब आप वेरिफिकेशन कर लेते हैं तो यह आपका रेपुटेड बिज़नेस कहलाएगा!
  • ऐसे करता है यह टूल मदद- गूगल माय बिजनेस कई ऐसे ऑप्शन देता है जो कस्टमर को लिए बड़े फायदेमंद साबित होते हैं! इसमें आपके बिजनेस को फॉलो करना, लेटेस्ट इमेज अपलोड करना, ब्लॉग पोस्ट करना, डिस्काउंट सेक्शन सहित अन्य फीचर होते हैं! गूगल माय बिजनेस के जरिए आप वेबसाइट भी बना सकते हैं जिसे आप कंप्यूटर या मोबाइल ऐप के माध्यम से आसानी से एडिट कर सकते है! वही कस्टमर को आपके बिजनेस एक्टिविटी की कौन सी फोटो अधिक पसंद आ रही है,आपके ब्लॉगिंग पर व्यू, कितने कॉल आये! इनकी डिटेल भी आपको मिलेगी!
  • इन बातों का रखें ध्यान- साइन अप करने के बाद आपको दो हजार से ज्यादा केटेगरी में से खुद से संबंधित बिजनेस का ऑप्शन चुनना है! जिससे कि आप सही तरीके से अपनी बिजनेस केटेगरी को रिसेट वह ऑप्टिमाइज कर सकें! आपकी ओर से जो जानकारी दी जाए वह एकदम सटीक हो क्योंकि जो भी कस्टमर सर्च के जरिए आपके बिजनेस डिटेल तक पहुंचेगा उसे यही जानकारी दिखेगी!
अगर आपने हाल ही में कोई नया बिज़नेस शुरू किया है या करने की सोच रहे है, और जिसे आप आस पास के एरियाज में प्रचार करना कहते है! तो गूगल माय बिज़नेस आपके लिए एक अच्छा प्लेटफार्म साबित हो सकते है! तो हम उम्मीद करते है की टेक्नो अध्यापक की यह मदद आपके लिए कारगार साबित होगी!

Friday, 19 July 2019

क्या आप नकली वीडियो पकड़ सकते हैं?

डीपफेक को फेक न्यूज़ का नया वर्जन कहा जाता है! इससे आप पहचान नहीं पाते हैं कि कौन सा वीडियो असली है!-


आजकल इंटरनेट मिमस का दौर है! कॉमिक इफ़ेक्ट देने के लिए अक्सर फोटोशॉप इमेज काम में ली जाती है! अब इमेज में बदलाव का एक नया चलन देखने में आ रहा है! आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी की मदद से असली वीडियो में भी तब्दील किया जा सकता है इस तरह के 'डीपफेक' वीडियो को पकड़ पाना काफी मुश्किल काम होता है! इस तरह के वीडियो किसी भी छवि को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं! यह शब्द पहली बार वर्ष 2017 में चलन में आया! यह टेक्नोलॉजी वीडियो और इमेज को घुमा सकती है, बांट सकती है और पैमाने बदल सकती है! इससे असली वीडियो को पहचानना मुश्किल होता है और नकली वीडियो असली जैसा नजर आता है!
  • बड़ी हस्तियों को नुक्सान- कुछ दिनों पहले बराक ओबामा एक वीडियो में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड को अपशब्द कह रहे थे! उस वीडियो में बोलने वाला आदमी बराक ओबामा नहीं है उनके चेहरे को बड़ी सफाई के साथ बदल दिया गया! इसलिए अब इंटरनेट की दुनिया का वह दोर है, जहां यहां कुछ भी भरोसा करना बहुत मुश्किल है!
  • महिलाओं के सम्मान को ठेस- महिलाओं के सम्मान को डीपफेक से नुकसान पहुंचाया जा रहा है! चालाक लोग महिलाओं के चेहरे का इस्तेमाल गलत वीडियो में करते हैं और उन्हें परेशान करने लगते हैं! सोशल मीडिया कंपनियों को डीपफेक पर रोक लगाने के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए!
  • हाव भाव से पकड़ सकते हैं- कई लोग और संस्थाएं मिलकर को डीपफेक पकड़ने के लिए एल्गोरिथ्म से विकसित करने की योजना बना रहे हैं! वीडियो को बेहद सावधानी के साथ देखकर डीपफेक को पकड़ सकते हैं! चेहरे के हाव-भाव से भी डीपफेक की पहचान हो सकती है!
  • कई खतरे पैदा हो सकते हैं-पूरी दुनिया में एआई टेक्नोलॉजी सस्ती हो रही है और ज्यादा से ज्यादा लोग इसे अपना रहे हैं! डीपफेक को पहचान पाना मुश्किल मुश्किल काम होता है! इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर से पूरी दुनिया में लाया जा सकता है! शोध बताते हैं कि दुनिया भर के युवा न्यूज़ के लिए भी सोशल मीडिया काम में लेते हैं! सोशल मीडिया कंपनियां डीपफेक को रोकने के लिए प्रयास नहीं कर रही है आने वाले समय में इनकी बाढ़ आ सकती है इनमें इनसे कई तरह के खतरे पैदा हो सकते हैं और सूचनाओं की गंभीरता खत्म हो सकती है!
  • हाई प्रोफाइल लोग है निशाना- हाई प्रोफाइल लोग जैसे राजनेताओं और सेलिब्रिटी के हजारों फोटोज और वीडियोज इंटरनेट पर मौजूद है! ये डीपफेक का आसान टारगेट होते हैं! बहुत ज्यादा डाटा होने के कारण इन्हें आसानी से बदला जा सकता है! आमतौर पर इन्हें कॉमेडी के लिए काम में लिया जा सकता है, पर आने वाले समय में इनसे हमारी सिक्योरिटी और लोकतंत्र को खतरा पैदा हो सकता है!
  • कंटेंट शेयर की आदत को काबू में करें- अगर आपको कोई वीडियो गड़बड़ लग रहा है तो ऑनलाइन जगत में इसका दूसरा वर्जन खोलना चाहिए! इसके लिए गूगल इमेज सर्च मत ले सकते हैं! यूट्यूब डाटा व्यूअर बता सकता है कि कोई वीडियो कब अपलोड किया गया! यह रिवर्स इमेज सर्चिंग के लिए थंबनेल उपलब्ध करवाता है! डीपफेक रोकने का तरीका है कि आप कंटेंट शेयर करने की आदत को काबू में रखें!
  • फेसबुक की कोशिश- हाल ही में फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि वास्तविक लगने वाले फर्जी वीडियो को रोकने के लिए मूल्यांकन आवश्यक है! इन के संबंध में नीति का विकास करना जरूरी है 'डीप फेक' वीडियो बिल्कुल अलग कैटेगरी के वीडियो है! इन्हे झूठी जानकारी देने वाले वीडियोज से अलग रखना चाहिए!
तो दोस्तों अगली बार जब भी आप वीडियोस, इमेज या कोई न्यूज़ ऑनलाइन शेयर कर रहे है तो टेक्नो अध्यापक द्वारा ऊपर दिए गए माधयमो से जांच कर ले! जिससे वो वायरल होने से बच सके!

Wednesday, 17 July 2019

जाने कैसे आप अपना रिज्यूमे एक पेज में बहतरीन बना सकते है!

अगर आप एक पेज के रिज्यूमे मे अपनी बात को अच्छी तरह से कह देते हैं तो सिलेक्शन के चांस भी काफी बढ़ जाते हैं! 



क्या इस मोर्डर्न कनेक्टेड वर्ल्ड में जहां सोशल मीडिया प्रोफाइल्स भरे पड़े हैं, वहां पर भी रिज्यूमे की जरूरत पड़ती है इसका जवाब है-हां! रिज्यूमे रिक्रूटमेंट में मुख्य लिंक है! पूरी दुनिया में यह ट्रैंड कायम है कि एचआर कोई भी जॉब ऑफर करने से पहले रिज्यूमे को बेस डॉक्यूमेंट के तौर पर लेता है! इन प्रतिक्रियाओं में बहुत जल्दी बदलाव होता नजर नहीं आ रहा है! रिक्रूटर कैंडिडेट का इंटरव्यू लेने से पहले रिज्यूमे में के डाटा के आधार पर कैंडिडेट शॉर्टलिस्ट करते हैं!

आइये नजर डालते है की एक पेज की रिज्यूमे कैसे बना सकते है!

  • एक पेज का रिज्यूमे क्यों हो- प्रोफेशनल रिज्यूमे राइटर्स का मानना है कि चाहे आप फ्रेशर है या आपके पास 15 साल का अनुभव है, आपके लिए एक पेज रिज्यूमे में पर्याप्त है! ईमेल अटैचमेंट से भेजने पर भी एक पेज काफी होता है, क्योंकि रीडर सिर्फ पहला पेज ही ध्यान से पड़ता है! वह पेज का रिज्यूमे भेजने से सिलेक्शनके चांस भी बढ़ जाते हैं अगर आप कलाकार या डिज़ाइनर है तो पोर्टफोलियो सबमिट करना पड़ेगा! ऐसे में एक पेज करने वाला नियम यहां काम नहीं करेगा!
  • जगह का सही इस्तेमाल करे- एक पेज का रिज्यूमे में तैयार कर रहे हैं! इसलिए उपलब्ध जगह का सही इस्तेमाल करें! रिज्यूमे कि फोंट ऐसी हो, जो आसानी से पढ़ी जा सके! पेज मार्जिन और फॉर्मेटिंग सही हो! हैडर पर नाम के साथ आप का ईमेल आईडी और कांटेक्ट नंबर जरूर हो! रिज्यूमेमें को पीडीएफ के रूप में सेव रखें! फाइल के तौर पर अपना नाम डालें!
  • पहला ड्राफ्ट लंबा हो- अपने पहले ड्राफ्ट के लिए हर चीज लिख दे, ताकि मास्टर डॉक्यूमेंट लंबा हो! जब आप अपनी उपलब्धियों को विस्तार में लिख लेते हैं तो आप काम की बातों को सही तरह से सेट कर पाते हैं! मौजूदा जॉब के लिए गैरजरूरी सेक्शन को काटा जा सकता है! सारी अतिरिक्त जानकारी आपके लिंकडइन प्रोफाइल का हिस्सा हो सकती है!
  • रूल ऑफ़ थर्ड्स- रिज्यूमे का एक प्रिंट निकाले! इसके टॉप पर का एक तिहाई हिस्सा फाड़ दे! इसके बाद देखे की क्या इसके आधार पर शॉर्टलिस्ट किया जा सकता है! रिक्रूटर एक पेज के लिए 6 सेकंड खर्च करता है! रिक्रूटर  रिज्यूमे का शुरुआती एक तिहाई हिस्सा ही पड़ता है! इसलिए यह काफी मजबूत होना चाहिए!
  • अंको में कहानी कहे- आपकी बुलेट प्वाइंट्स में नंबर होने चाहिए, ताकि आपकी बात का वजन बढ़ सके! इससे आप अपनी उपलब्धियों को बेहतर तरीके से प्रस्तुत कर पाएंगे! इस बात का भी ध्यान रखें कि बिना संदर्भ के अंकों का इस्तेमाल करने पर कोई असर नहीं होता है! उदाहरण के तौर पर सिर्फ क्लास का टॉपर लिखने की बजाय आप लिख सकते हैं कि 54 स्टूडेंट की क्लास में टॉप किया!
  • टॉप पर क्रीम हो- हमारा दिमाग ऊपर से नीचे की ओर पढ़ने का आदी है! हेडलाइन और महत्वपूर्ण बातें शुरुआत में होनी चाहिए! आपको टॉप पर अच्छी और महत्वपूर्ण बातें लिखनी चाहिए!
  • लेफ्ट सही है- इंसानी दिमाग बाई ओर से बाई और पढ़ता है! इसलिए वह शुरुआती लाइन या वाक्य को ध्यान से पड़ता है! और बाद की लाइन्स पर गौर नहीं करता है! वाक्य रचना ऐसी हो कि रिक्रूटर महत्वपूर्ण बातें पहले पढ़ सके!
तो दोस्तों क्या सोच रहे है अपना रिज्यूमे अभी अपडेट करे एक पेज में अपनी बात कह कर, जिससे आपकी नोकरी के चांस बड सके!