डीपफेक को फेक न्यूज़ का नया वर्जन कहा जाता है! इससे आप पहचान नहीं पाते हैं कि कौन सा वीडियो असली है!-
आजकल इंटरनेट मिमस का दौर है! कॉमिक इफ़ेक्ट देने के लिए अक्सर फोटोशॉप इमेज
काम में ली जाती है! अब इमेज में बदलाव का एक नया चलन देखने में आ रहा है!
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी की मदद से असली वीडियो में भी तब्दील
किया जा सकता है इस तरह के 'डीपफेक' वीडियो को पकड़ पाना काफी मुश्किल काम
होता है! इस तरह के वीडियो किसी भी छवि को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं! यह
शब्द पहली बार वर्ष 2017 में चलन में आया! यह टेक्नोलॉजी वीडियो और इमेज
को घुमा सकती है, बांट सकती है और पैमाने बदल सकती है! इससे असली वीडियो को
पहचानना मुश्किल होता है और नकली वीडियो असली जैसा नजर आता है!
- बड़ी हस्तियों को नुक्सान- कुछ दिनों पहले बराक ओबामा एक वीडियो में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड को अपशब्द कह रहे थे! उस वीडियो में बोलने वाला आदमी बराक ओबामा नहीं है उनके चेहरे को बड़ी सफाई के साथ बदल दिया गया! इसलिए अब इंटरनेट की दुनिया का वह दोर है, जहां यहां कुछ भी भरोसा करना बहुत मुश्किल है!
- महिलाओं के सम्मान को ठेस- महिलाओं के सम्मान को डीपफेक से नुकसान पहुंचाया जा रहा है! चालाक लोग महिलाओं के चेहरे का इस्तेमाल गलत वीडियो में करते हैं और उन्हें परेशान करने लगते हैं! सोशल मीडिया कंपनियों को डीपफेक पर रोक लगाने के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए!
- हाव भाव से पकड़ सकते हैं- कई लोग और संस्थाएं मिलकर को डीपफेक पकड़ने के लिए एल्गोरिथ्म से विकसित करने की योजना बना रहे हैं! वीडियो को बेहद सावधानी के साथ देखकर डीपफेक को पकड़ सकते हैं! चेहरे के हाव-भाव से भी डीपफेक की पहचान हो सकती है!
- कई खतरे पैदा हो सकते हैं-पूरी दुनिया में एआई टेक्नोलॉजी सस्ती हो रही है और ज्यादा से ज्यादा लोग इसे अपना रहे हैं! डीपफेक को पहचान पाना मुश्किल मुश्किल काम होता है! इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर से पूरी दुनिया में लाया जा सकता है! शोध बताते हैं कि दुनिया भर के युवा न्यूज़ के लिए भी सोशल मीडिया काम में लेते हैं! सोशल मीडिया कंपनियां डीपफेक को रोकने के लिए प्रयास नहीं कर रही है आने वाले समय में इनकी बाढ़ आ सकती है इनमें इनसे कई तरह के खतरे पैदा हो सकते हैं और सूचनाओं की गंभीरता खत्म हो सकती है!
- हाई प्रोफाइल लोग है निशाना- हाई प्रोफाइल लोग जैसे राजनेताओं और सेलिब्रिटी के हजारों फोटोज और वीडियोज इंटरनेट पर मौजूद है! ये डीपफेक का आसान टारगेट होते हैं! बहुत ज्यादा डाटा होने के कारण इन्हें आसानी से बदला जा सकता है! आमतौर पर इन्हें कॉमेडी के लिए काम में लिया जा सकता है, पर आने वाले समय में इनसे हमारी सिक्योरिटी और लोकतंत्र को खतरा पैदा हो सकता है!
- कंटेंट शेयर की आदत को काबू में करें- अगर आपको कोई वीडियो गड़बड़ लग रहा है तो ऑनलाइन जगत में इसका दूसरा वर्जन खोलना चाहिए! इसके लिए गूगल इमेज सर्च मत ले सकते हैं! यूट्यूब डाटा व्यूअर बता सकता है कि कोई वीडियो कब अपलोड किया गया! यह रिवर्स इमेज सर्चिंग के लिए थंबनेल उपलब्ध करवाता है! डीपफेक रोकने का तरीका है कि आप कंटेंट शेयर करने की आदत को काबू में रखें!
- फेसबुक की कोशिश- हाल ही में फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि वास्तविक लगने वाले फर्जी वीडियो को रोकने के लिए मूल्यांकन आवश्यक है! इन के संबंध में नीति का विकास करना जरूरी है 'डीप फेक' वीडियो बिल्कुल अलग कैटेगरी के वीडियो है! इन्हे झूठी जानकारी देने वाले वीडियोज से अलग रखना चाहिए!
तो दोस्तों अगली बार जब भी आप वीडियोस, इमेज या कोई न्यूज़ ऑनलाइन शेयर कर रहे है तो टेक्नो अध्यापक द्वारा ऊपर दिए गए माधयमो से जांच कर ले! जिससे वो वायरल होने से बच सके!
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